देख तुम्हारी अनुपम छवि को, मेरा उपवन खिलता है।।
याद तुम्हारी मेरे मन से, कभी भुलाई नहीं है जाती।
कितनी कोशिश करूँ मगर, ये बरबस आकर हमें सताती।।
मन झंकृत हो जाता है, जब बूटा-पत्ता हिलता है ।
जब तुमसे बातें होती है, अपनापन दिल को मिलता है।
छल-फरेब को नहीं जानती, मैं तो जानूँ करना प्यार।
दिल मेरा निष्कपट हमेशा, करता समता का व्यवहार।।
तुम हो मेरे प्रियतम-प्यारे, तुमसे जीवन चलता है।
जब तुमसे बातें होती है, अपनापन दिल को मिलता है।
मन मेरा आवारा पंछी, हरदम नभ में उड़ता है।
जैसे बिन पानी के मछली, वैसे यह तड़पता है।
कैसे रख लूँ दिल पर पत्थर, उलझन और जटिलता है ।
जब तुमसे बातें होती है, अपनापन दिल को मिलता है।
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Wednesday 21 February 2018
गीत "तुमसे जीवन चलता है" (राधा तिवारी)
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